दीपावली लक्ष्मी पूजा विधि
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दीपावली का महत्व
दीपावली भारत का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध पर्व है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। मान्यता है कि दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और साफ-सुथरे, सुंदर व दीपों से सजे घरों में ही निवास करती हैं। इसलिए लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है।
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल को शुभ माना जाता है। स्थिर लग्न में पूजा करना सर्वोत्तम होता है। सही मुहूर्त जानने के लिए स्थानीय पंचांग देखें।
लक्ष्मी पूजा सामग्री लिस्ट
- मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र
- लकड़ी की चौकी
- लाल कपड़ा या नया वस्त्र
- कलश (तांबे, मिट्टी या पीतल का)
- आम के पत्ते, नारियल
- मौली (कलावा)
- अक्षत (साफ़ चावल)
- कुमकुम, रोली, हल्दी
- फूल, माला, पान के पत्ते
- सुपारी, लौंग, इलायची
- मिठाई, फल, पंचमेवा
- घी के दीये, रुई की बाती
- धूप, अगरबत्ती, कपूर
- गंगाजल या Shuddhi Jal
- तिजोरी या बहीखाता
- पूजा थाली, घंटी, शंख
पूजा स्थल की तैयारी
पूरे घर की सफाई अच्छे से करें। पूजा स्थल को गंगाजल या Shuddhi Jal से शुद्ध करें। लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएँ और लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। मूर्तियों के सामने कलश स्थापित करें।
Step by Step लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि
कलश स्थापना
कलश में शुद्ध जल भरें, उसमें सुपारी, सिक्का और फूल डालें। कलश के मुंह पर आम के पत्ते लगाएँ और नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
भगवान गणेश पूजन
सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें रोली, अक्षत, पुष्प अर्पित करें। यह मंत्र पढ़ें:
“ॐ गं गणपतये नमः”
कम से कम 11 बार जप करें और गणेश जी से प्रार्थना करें कि पूजा में कोई विघ्न न आए।
मां लक्ष्मी पूजन
मां लक्ष्मी की मूर्ति को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएँ या छिड़काव करें। रोली, अक्षत, कुमकुम लगाएँ, पुष्पमाला चढ़ाएँ और यह मंत्र पढ़ें:
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
कम से कम 11 या 21 बार जप करें और माता से धन-समृद्धि की कामना करें।
धन संपत्ति पूजन
मूर्तियों के सामने तिजोरी, बहीखाता या रुपए की थैली रखें। उस पर हल्दी, कुमकुम और अक्षत लगाएँ। सिक्के माता लक्ष्मी को अर्पित करें।
दीपक और धूप
घी के दीपक जलाएँ और पूजा स्थल व घर के कोनों में रखें। धूप-अगरबत्ती जलाकर पूरे घर में घुमाएँ।
लक्ष्मी माता की आरती
आरती सभी परिवारजनों के साथ मिलकर करें:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि पाता॥
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभदाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
शुभ गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीर सिंधु में रहता।
रत्न चतुर्दश शृंगार, भोगनित्य पाता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
लक्ष्मी माता को प्रसन्न रखने के उपाय
- पूजा के बाद Shuddhi Jal या Ganga Jal से पूरे घर में छिड़काव करें।
- दीपावली की रात घर में कोई कोना अंधेरा न रहे।
- मुख्य दरवाजे पर रंगोली और दीप सजाएँ।
- तोरण या बंदनवार अवश्य लगाएँ।
- कम से कम एक दीपक सुबह तक जलता रहे।
निष्कर्ष
दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन से घर में धन, सुख और समृद्धि आती है। सही विधि, स्वच्छता और श्रद्धा से पूजा करें और इस पर्व को रोशनी, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा से भर दें।
घर की शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए आजमाएँ:
- Pooja Spray – मूर्तियों और मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए
- Shuddhi Jal – घर और पूजा स्थल की शुद्धि के लिए
- Ganga Jal – कलश स्थापना और छिड़काव के लिए
