Mehndipur Balaji Temple - Complete Guide in Hindi

Mehndipur Balaji Temple Guide in Hindi – History, Rituals, Timings, Stay


मेहंदीपुर बालाजी मंदिर – परिचय

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है और पूरे भारत में भूत-प्रेत बाधा, ऊपरी शक्तियों और मानसिक कष्टों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हनुमान जी को बालाजी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि यहाँ की पूजा और अनुष्ठान से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।


इतिहास और मान्यता

ऐसा माना जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर सदियों से रहस्यमयी शक्तियों से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि यहाँ भगवान हनुमान के बालाजी स्वरूप के साथ भैरव बाबा और प्रेतराज की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में विशेष पद्धति से पूजा कर अनिष्ट और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाई जाती है। यहाँ होने वाली प्रक्रियाएँ किसी भी तांत्रिक या बाहरी असर को दूर रखने के लिए जानी जाती हैं। श्रद्धालु विश्वास करते हैं कि यहाँ की पूजा विधि मन, शरीर और आत्मा — तीनों को शुद्ध करने में सहायक होती है।


पौराणिक कथा

कहा जाता है कि यहाँ पर हनुमान जी ने स्वयं प्रकट होकर भक्तों के कष्ट दूर किए। संत श्री रामलाल जी महाराज ने इस स्थान को जाग्रत किया और लोगों को तंत्र-मंत्र से मुक्ति दिलाई। तभी से यहाँ भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए लोग आते हैं।


मंदिर की वास्तुकला

यह मंदिर पारंपरिक हिन्दू शैली में निर्मित है। मुख्य गर्भगृह में बालाजी महाराज की मूर्ति के साथ भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार के विग्रह स्थापित हैं। मंदिर का परिसर विशाल है और यहाँ सैंकड़ों भक्त एक साथ पूजा कर सकते हैं।


मंदिर में क्या करें और क्या नहीं

  • मंदिर परिसर में फोटो खींचना मना है।
  • जूते-चप्पल बाहर ही उतारें।
  • मंदिर में अंदर किसी से पैसे देकर कर्मकांड करवाने से बचें।
  • केवल मंदिर ट्रस्ट द्वारा निर्धारित विधि से ही पूजा कराएं।
  • सफाई बनाए रखें और शांति से पूजा करें।


भूत-प्रेत बाधा निवारण प्रक्रिया

यहाँ तीन मुख्य अनुष्ठान होते हैं:

  1. आरती दर्शन: प्रातः और सायंकालीन आरती।
  2. भूत-प्रेत निवारण अनुष्ठान: विशेष पुजारी द्वारा संपन्न।
  3. प्रेतराज सरकार का दर्शन: बाधा मुक्ति के लिए जरूरी माना जाता है।


आरती और मंत्र

आरती समय:

  • प्रातः आरती: सुबह 4.00 – 5.00 बजे।
  • सायंकालीन आरती: शाम 7.00 – 8.00 बजे।

प्रसिद्ध मंत्र:

  • “ॐ हनुमं हनुमते नमः”
  • “जय जय श्री बालाजी महाराज की जय”


कैसे पहुंचे – Travel Guide

  • हवाई मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट जयपुर (130 किमी)।
  • रेल मार्ग: बांदीकुई रेलवे स्टेशन सबसे निकट है (35 किमी)।
  • सड़क मार्ग: जयपुर, आगरा और दिल्ली से नियमित बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।


कहाँ ठहरें – Stay Options

  • मंदिर ट्रस्ट धर्मशाला: सस्ती और साफ-सुथरी।
  • बजट होटल: आसपास कई छोटे होटल उपलब्ध हैं।
  • लग्जरी होटल: जयपुर या आगरा में रुक सकते हैं।


आसपास के प्रमुख आकर्षण

  • गालव कुंड: पवित्र स्नान स्थान।
  • महुवा किला: ऐतिहासिक स्थल।
  • बांदीकुई चर्च: पुरानी विरासत चर्च।


Local Guide & Facility

  • प्रामाणिक गाइड ही लें।
  • प्रसाद और पूजन सामग्री मंदिर परिसर के अधिकृत स्टॉल से ही खरीदें।
  • Emergency Contact: मंदिर ट्रस्ट कार्यालय, पुलिस स्टेशन।


Dos & Don’ts

  • सेलफोन का प्रयोग मंदिर परिसर में न करें।
  • झूठे तांत्रिकों से बचें।
  • Donation सिर्फ ट्रस्ट को ही दें।
  • कभी भी अकेले suspicious ritual कराने वालों के पीछे न जाएं।


यात्रा सुझाव और सावधानियां

  • Peak सीजन में पहले से होटल बुक कर लें।
  • भीड़ में अपने सामान का ध्यान रखें।
  • रात में अनजान स्थानों पर न जाएं।
  • परिवार के साथ यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित रहेगा।



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Location of Mehndipur Balaji Temple




डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक-कथाओं पर आधारित है। पाठक इसे केवल सामान्य सूचना मानें। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या यात्रा से पहले स्थानीय ट्रस्ट या अधिकृत स्रोत से सही जानकारी लें। यह लेख केवल श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिखा गया है। मंदिर संचालन या यात्रा व्यवस्था से संबंधित कोई अधिकार या जिम्मेदारी इस ब्लॉग के लेखक या संचालक की नहीं है।

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