Vindhyachal Devi Temple विंध्याचल देवी मंदिर – संपूर्ण यात्रा गाइड

विंध्याचल देवी का महत्व

माँ विंध्याचल देवी मंदिर मिर्ज़ापुर – दर्शन, इतिहास और यात्रा गाइड
Image Credit: Wikimedia Commons


माँ विंध्याचल देवी मंदिर, जिसे विंध्यवासिनी मंदिर या विंध्याचल शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले के विंध्याचल नगर में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहाँ माता सती का अंश गिरा था और तभी से माता विंध्यवासिनी इस स्थान पर विराजमान हैं। यह पवित्र मंदिर गंगा नदी के तट पर बसा है और मिर्ज़ापुर शहर से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित है। नवरात्रि जैसे पर्वों में यहाँ लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी कराने माता के दर्शन के लिए आते हैं।


मंदिर का इतिहास

पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनकी बहन योगमाया ने कंस के हाथ से बचने के लिए इसी स्थान पर विंध्य पर्वत पर निवास किया। तभी से यहाँ देवी को विंध्यवासिनी कहा जाने लगा। यह स्थल हजारों वर्षों से शक्ति उपासकों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है।


पौराणिक कथा

कथा के अनुसार, देवी सती के शरीर के टुकड़े जब धरती पर गिरे, तब उनका एक अंश विंध्य पर्वत पर गिरा। तभी से यह शक्ति पीठ कहलाया। यहाँ माता को विंध्यवासिनी देवी के रूप में पूजा जाता है जो भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।


वास्तुकला और विशेषता

विंध्याचल मंदिर विंध्य पर्वत शृंखला पर स्थित है। मंदिर परिसर में माँ काली को समर्पित काली कोह, अष्टभुजा देवी और काली खोह जैसे अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी हैं। यहाँ माँ विंध्यवासिनी देवी को गर्भगृह में स्थापित किया गया है और हर दिन भक्त माँ के दर्शन के लिए लंबी कतार में लगते हैं।


Vindhyachal Mandir Aarti Timing – माँ विंध्याचल देवी आरती समय

सामान्य दिनों में विंध्याचल मंदिर की आरती का समय

विंध्याचल मंदिर में माँ विंध्यवासिनी देवी की आरती दिन में चार बार होती है। यह समय मौसम और दिन के अनुसार थोड़ा बदल सकता है। सामान्य दिनों में आरती का क्रम कुछ इस प्रकार होता है:

  • मंगला आरती (सुबह जल्दी) – सुबह लगभग 5:30 बजे या 6:00 बजे से शुरू होती है।
  • मध्यान्ह आरती (दोपहर) – दोपहर में करीब 12:00 बजे या 1:00 बजे होती है।
  • संध्या आरती (शाम) – सूर्यास्त के बाद, शाम में करीब 6:30 या 7:00 बजे की जाती है।
  • शयन आरती (रात्रि देर शाम) – रात में लगभग 9:30 या 10:30 बजे से की जाती है।

Note: यात्रा से पहले ताजा जानकारी के लिए मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय पुजारियों से समय जरूर कन्फर्म कर लें।


नवरात्रि में विंध्याचल मंदिर की आरती का समय

नवरात्रि महोत्सव के दौरान, विंध्याचल मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है। इस समय आरती के समय में बदलाव होता है। नवरात्रि में चारों आरती का सामान्य क्रम इस प्रकार है:

  • मंगला आरती – सुबह लगभग 4:00 बजे शुरू होती है।
  • मध्यान्ह आरती – दोपहर में करीब 12:30 बजे होती है।
  • संध्या आरती – शाम लगभग 7:00 बजे से शुरू होती है।
  • शयन आरती – रात में करीब 10:30 बजे से की जाती है।

Note: नवरात्रि में दर्शन करने से पहले मंदिर ट्रस्ट से या अधिकृत वेबसाइट से आरती टाइम की पुष्टि जरूर कर लें, क्योंकि विशेष आयोजनों के कारण बदलाव हो सकता है।

कैसे पहुँचें

रेल मार्ग से:
मिर्ज़ापुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 8 km है।
हवाई मार्ग से:
सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट वाराणसी (लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) है, जो लगभग 75 km दूर है।
सड़क मार्ग से:
मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।


कहाँ ठहरें – विंध्याचल में आवास विकल्प

विंध्याचल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मिर्ज़ापुर और विंध्याचल क्षेत्र में बजट से लेकर लग्ज़री तक कई तरह के होटल, गेस्टहाउस और धर्मशालाएँ उपलब्ध हैं।

तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशाला और विश्राम गृह भी अच्छे विकल्प हैं।

अगर आप मंदिर के पास होटल ढूंढना चाहते हैं, तो यहाँ क्लिक करके Google पर खोजें।

आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार इनमें से किसी में भी ठहर सकते हैं।


आसपास के दर्शनीय स्थल

  • अष्टभुजा देवी मंदिर
  • काली खोह
  • त्रिकोण पर्वत
  • गंगा घाट (नौकायन)
  • सीता कुंड


यात्रा के सुझाव और सावधानियाँ

  • दर्शन के लिए सुबह जल्दी पहुँचें ताकि भीड़ से बचा जा सके।
  • नवरात्रि में भारी भीड़ होती है, तो यात्रा की योजना पहले से बनाएं।
  • मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरा सीमित जगहों पर ही ले जाने की अनुमति है।
  • पूजा सामग्री बाहर के अधिकृत दुकानों से ही लें।
  • विंध्याचल देवी मंदिर दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय नवरात्रि का माना जाता है, जो अक्सर सितंबर और अक्टूबर में आता है। वैसे तो श्रद्धालु पूरे साल माता के दर्शन के लिए यहाँ आ सकते हैं



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Location of Vindhyachal Devi Temple



डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक-कथाओं पर आधारित है। पाठक इसे केवल सामान्य सूचना मानें। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या यात्रा से पहले स्थानीय ट्रस्ट या अधिकृत स्रोत से सही जानकारी लें। यह लेख केवल श्रद्धालुओं को जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिखा गया है। मंदिर संचालन या यात्रा व्यवस्था से संबंधित कोई अधिकार या जिम्मेदारी इस ब्लॉग के लेखक या संचालक की नहीं है।

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